बिहार के लिए ये चुनावी साल है। संभावित प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से जगह बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। आने वाले कुछेक माह के बाद कार्यकर्त्ता भी अपना सारा काम छोड़कर पार्टी और जाति की इज्जत बचाने में लगेंगे। और फिर चुनाव के
बिहार के लिए ये चुनावी साल है। संभावित प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से जगह बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। आने वाले कुछेक माह के बाद कार्यकर्त्ता भी अपना सारा काम छोड़कर पार्टी और जाति की इज्जत बचाने में लगेंगे। और फिर चुनाव के - Jehanabad News