सिहोरा जिला की मांग को लेकर चल रहा जनांदोलन लगातार चौथे दिन भी उफान पर रहा। सिहोरा–खितौला में बाज़ार पूरी तरह बंद रहे, सड़कों पर सन्नाटा और लोगों में गहरा आक्रोश साफ नज़र आया। सरकार की लगातार बेरुखी और ठोस निर्णय न लेने से आंदोलन और अधिक उग्र होता दिख रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिर्फ बंद नहीं, बल्कि सिहोरा के सम्मान और हक़ की लड़ाई है।