जगदलपुर: शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन, सांसद भी हुए शामिल
जनजातीय समाज की सहभागिता का भाव और मौखिक शिक्षा का इतिहास अद्वितीय है। हमारी बाड़ी और खेतों में जड़ी-बूटी के रूप में औषधि की खान है। यह समाज स्वास्थ्य, शिक्षा, परंपरा के क्षेत्र में सशक्त है। जनजातीय समाज के पास हर प्रकार के ज्ञान का भंडार है। बस जो ज्ञान-परंपराएं परिस्थिति और काल के गर्त में चली गई है उसे उकेरकर सामने लाने की आवश्कता है।