अरावली पर्वतमाला को केवल 100 मीटर की ऊंचाई के मानदंड पर परिभाषित किए जाने के प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति जताते हुए नागरिकों एवं पर्यावरण संगठनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अरावली को एक सतत भू-वैज्ञानिक एवं पारिस्थितिक प्रणाली के रूप में संरक्षित करने की मांग की गई है