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पूछता है बिहार, क्या 20 साल काफी नहीं थे, हर बिहारी के सिर पर छत देने के लिए? 63 हजार से ज़्यादा लोग बिना घर के हैं। 1 करोड़ 12 लाख से ज़्यादा लोग खपरैल और झोपड़ियों में जीवन जी रहे हैं। करीब 62 लाख लोगों के पास सिर्फ एक कमरे का पक्का मकान - Bariarpur News