जर्मनी जैसे अन्य देशों में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र निजी हाथों में नहीं हैं। वहां ये सब सरकार के द्वारा प्रायोजित है।लेकिन भारत में इनका निजीकरण हो रहा है।यूपी में सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, शिक्षकों की भर्ती सही से नहीं हो रही है। इसको लेकर एक रेगुलेटरी बॉडी बनानी चाहिए।इन सवालों पर आज दिन के करीब 3 बजे समर्थकों ने उनके उठाएं गये सवाल पर खुशी जाहिर की।