जीवन में भले एक ही मित्र हो पर वो हो अंगराज कर्ण जैसा।
हार व मृत्यु सुनिश्चित है ये जानते हुए भी अपनी अंतिम सांस तक अपने मित्र का साथ ना छोड़ने वाला, मित्र धर्म के पालन में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाला कर्ण।
<nis:link nis:type=tag nis:id=मित्रता_दिवस nis:value=मित्रता_दिवस nis:enabled=true nis:link/> की शुभकामनाएं।
5k views | Vidisha Nagar, Vidisha | Aug 7, 2022