मौत भी जब जिंदगी की राह बन जाए, तो वह मिसाल बन जाती है। बालोतरा जिले के गिड़ा तहसील के 5 साल के मासूम भोमाराम ने ब्रेन डेड होने के बाद भी दो लोगों को नया जीवन दे दिया। जोधपुर एम्स में परिजनों के साहसिक और मानवीय फैसले से उसके लिवर और किडनी डोनेट किए गए।