वह जो केवल अपने संप्रदाय का सम्मान करता है और अपने संप्रदाय का मान बढ़ाने के लिए दूसरे संप्रदायों का अपमान करता है। इस तरह के आचरण से वो खुद के संप्रदाय को गंभीर क्षति (हानि) पहुंचाता है।
वह जो केवल अपने संप्रदाय का सम्मान करता है और अपने संप्रदाय का मान बढ़ाने के लिए दूसरे संप्रदायों का अपमान करता है। इस तरह के आचरण से वो खुद के संप्रदाय को गंभीर क्षति (हानि) पहुंचाता है। - Mahoba News