अलौली: राजेन्द्र सरोवर के पास कार्यालयों में पूर्व सैनिकों का संवाद कार्यक्रम
वर्तमान समय मेंं राजनीति में भाषायी मर्यादा तार-तार हो रहे हैं। चाहे चुनावी सभा हो या फिर एक दूसरे पर आरोप प्रत्योप हो, अमर्यादित भाषा प्रयोग करने से नेता नहीं चूक रहे। यहां तक कि व्यक्तिगत रूप से भी टीका टिप्पणी की जाती है। जो स्वच्छ राजनीति के लिए कहीं से भी सही नहीं है। जब बड़े-बड़े नेता ऐसे भाषा का प्रयोग करेंगे तो फिर आम नेता से क्या अपेक्षा की जा सकती ह