सैंकड़ों किलो का वज़न साइकिल पर डाल कर मीलों दूर पैदल पहुंचाना और उससे मिली छोटी आमदनी में मुश्किल से गुज़ारा कर पाना - ये कहां का न्याय है?
नहीं, ये अमानवता है, अन्याय है - इन्हें 'श्रमिक न्याय' दिलवाना है, भारत जोड़ो न्याय यात्रा
Chas, Bokaro | Feb 5, 2024