“हमारे यहाँ केवल पूजा का मतलब धर्म नहीं है, पूजा भी उसका एक भाग है। मनुष्य के जीवन में सर्वत्र धर्म है, मनुष्य का स्वभाव है उसको भी धर्म कहते हैं, कर्तव्य है उसको भी धर्म कहते हैं।“ – पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी
“हमारे यहाँ केवल पूजा का मतलब धर्म नहीं है, पूजा भी उसका एक भाग है। मनुष्य के जीवन में सर्वत्र धर्म है, मनुष्य का स्वभाव है उसको भी धर्म कहते हैं, कर्तव्य है उसको भी धर्म कहते हैं।“ – पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी - Jharkhand News