पर्ची सरकार अपनी साख पूरी तरह से खो चुकी है।
अविश्वास का आलम यह है कि पर्ची सरकार के मुखिया को सुनने के लिए कार्यकर्ता भी नहीं आ रहे है।
ख़ाली पड़ी कुर्सियाँ इसकी बानगी है।
पर्ची सरकार अपनी साख पूरी तरह से खो चुकी है।
अविश्वास का आलम यह है कि पर्ची सरकार के मुखिया को सुनने के लिए कार्यकर्ता भी नहीं आ रहे है।
ख़ाली पड़ी कुर्सियाँ इसकी बानगी है। - Ajmer News