अमरवाड़ा: भड़कुम में इकलौता पुत्र अपने पिता को अंतिम समय में कंधा भी नहीं दे पाया, सामाजिक परंपरा बनी वजह
*जिसने जन्म दिया उसे ही अंतिम समय में कंधा नहीं दे पाया इकलौता पुत्र स्वरूप* *सामाजिक नियम बने रुकावट मानसिक रूप से परेशान स्वरूप* *एक ही देव मैं शादी करने से समाज कर रही बहिष्कृत, ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक चक्कर लगा चुका है पीड़ित व्यक्ति स्वरूप और उसकी पत्नी*