एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के वास्तविक पीड़ितों को तत्काल न्याय दिलाना है। लेकिन हाल के वर्षों में इस कानून को लेकर समाज में एक तरह का भय भी देखा जा रहा है। वजह यह कि कई मामलों में मामूली विवाद या निजी रंजिश को भी एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराकर दबाव बनाने के आरोप सामने आते रहे हैं।