धर्मशाला: पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन आज भी प्रासंगिक है, शिक्षा प्रणाली में उनके विचारों को शामिल करने की जरूरत
दीनदयाल उपाध्याय अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रृंखला के समापन समारोह में कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने ‘एकात्म मानववाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की प्रासंगिकता’ विषय पर विचार रखे, उन्होंने कहा कि पंडित उपाध्याय का दर्शन व्यक्ति, समाज, प्रकृति और परमात्मा के संतुलन पर आधारित है, जो न पूंजीवाद की अंधी दौड़ का समर्थन करता है।