स्कूल के डायरेक्टर डॉ जाफर पयामी बताते हैं कि पढ़ाई-लिखाई में उन्हें हमेशा से गहरी रुचि रही मेडिकल की पढ़ाई के दौरान और उसके बाद वे दरभंगा होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में छात्रों को पढ़ाने का कार्य भी करते थे यहीं से उनके मन में यह विचार आया कि जब वे बड़े छात्रों को मेडिकल की तैयारी करवा सकते हैं, तो क्यों न छोटे बच्चों की नींव मजबूत किया जाए