रामप्रवेश कुमार बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले वे गुजरात में एक शहद फैक्ट्री में काम किया करते थे वहां उन्होंने शहद उत्पादन की बारीकियों को करीब से देखा और सीखा ,मधुमक्खी पालन से लेकर शहद निकालने, उसकी सफाई, पैकिंग और गुणवत्ता बनाए रखने की पूरी प्रक्रिया उन्होंने वहीं समझी, फैक्ट्री में काम करते हुए उनके मन में यह विचार आया कि अगर यही काम अपने गांव में किया जाए,