दिल्ली की ज़मीन को अलविदा कह चुका हूँ, और अब बादलों के संग एक नई उड़ान पर हूँ — दुबई की ओर! ऊपर आसमान में हर बादल ऐसा लग रहा है जैसे तेरी कोई शरारत याद दिला रहा हो। तू साथ नहीं है, पर तेरी बातें, तेरी हँसी, सब मेरे साथ हैं इस सफ़र
Jaunpur, Jaunpur | Apr 16, 2025