छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का अबूझमाड़, जिसे कभी नक्सलवाद का गढ़ माना जाता था, आज विकास की एक नई इबारत लिख रहा है। कल तक जिन हाथों में विनाश की बंदूकें थीं, आज उन्हीं हाथों में विकास की सिलाई मशीनें हैं। सरकार की 'पूना मार्गेम' और 'नियाद नेल्लानार' जैसी योजनाओं के असर से अब पूर्व नक्सली मुख्यधारा में लौटकर हुनरमंद बन रहे है।