सन्नाटा ऐसा पसरा है !
धुंधला सा ये सब दिखता है !
कोशिश कर ये मेरे बंदे !
सूरज ढल के उगता है !
हर पल में समय बदलता है !
माना कि तेरा आज नहीं !
14.8k views | Robertsganj, Sonbhadra | Aug 22, 2025
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सन्नाटा ऐसा पसरा है !
धुंधला सा ये सब दिखता है !
कोशिश कर ये मेरे बंदे !
सूरज ढल के उगता है !
हर पल में समय बदलता है !
माना कि तेरा आज नहीं ! - Robertsganj News