नज़ारा किसी फ़िल्म का नहीं… बल्कि धरती का असली रूप है। ऊपर आकाश फट रहा है… बादल गरज रहे हैं… और बिजली ऐसे चमक रही है जैसे प्रकृति अपनी ताकत दिखा रही हो। ये तूफ़ान सिर्फ़ डर नहीं पैदा करता… ये याद दिलाता है— कि प्रकृति जितनी खूबसूरत है, उतनी ही शक्तिशाली भी है।”