आइए चलिए,
दोपहर की चिलचिलाती धूप,सड़क पर गिट्टी, कोई सवारी का साधन नहीं, कई किलो मीटर पैदल जा रहे बुजुर्ग को इनके गंतव्य तक पहुंचाया,
महात्मा बुद्ध जी ने कहा है कि मानव सेवा से बढ़ कर कुछ नहीं,
गरुण पुराण में है कि किसी के संकट,पीड़ा, तकलीफ - Faizabad News
आइए चलिए,
दोपहर की चिलचिलाती धूप,सड़क पर गिट्टी, कोई सवारी का साधन नहीं, कई किलो मीटर पैदल जा रहे बुजुर्ग को इनके गंतव्य तक पहुंचाया,
महात्मा बुद्ध जी ने कहा है कि मानव सेवा से बढ़ कर कुछ नहीं,
गरुण पुराण में है कि किसी के संकट,पीड़ा, तकलीफ