गोड्डा: लीजिए साहब… एक और गाय चढ़ गई घटिया, लापरवाह और लावारिस सिस्टम की भेंट, और हम अब भी खामोश हैं!
Godda, Godda | Nov 1, 2025 लीजिए साहब… फिर एक और गाय चढ़ गई इस घटिया, लापरवाह और लावारिस सिस्टम की भेंट — और हम अब भी खामोश हैं! कष्ट यही है साहब, कि जिस देश में गाय को माँ कहा जाता है, वहीं उसे सबसे ज़्यादा अपमान और पीड़ा झेलनी पड़ती है। दूध निकलवाने तक तो सब उसके भक्त बने रहते हैं, लेकिन जैसे ही उसका लाभ खत्म होता है — वही लोग उसे सड़कों पर लावारिस छोड़ देते हैं। यह सिर्फ क्रूरता न