सद्गुरु ओशो को प्रेम ध्यान नमन _ हमारी बाहरी यात्रा के साथ साथ अन्तर में मौन होने की, अकेले होने की, होश में होने की यात्रा भी चलती रहना चाहिए तो निश्चित ही अस्तित्व पल पल क्या कह रहा है महसूस होगा ?
Vinod Osho Krishan Kumar Vikas Sharma Ma
Behat, Saharanpur | Dec 15, 2024