देश के भयावह हालातों के बीच भी अपने मन की बात को प्राथमिकता कोई निर्दयी और असंवेदनशील इंसान ही दे सकता है।
मन की बात कोरोना से जूझ रहे लोगों के ज़ख्मों पर नमक रगड़ना है।
देश के भयावह हालातों के बीच भी अपने मन की बात को प्राथमिकता कोई निर्दयी और असंवेदनशील इंसान ही दे सकता है।
मन की बात कोरोना से जूझ रहे लोगों के ज़ख्मों पर नमक रगड़ना है। - Dehradun News