सोचकर ही अंदर तक आत्मा कांप जाती है, सिर्फ 1 महीना का छोटा सा बच्चा जिसने आंखे भी सही से नही खोली उसे अस्पताल से कुत्ते उठाकर ले जाते है और खा जाते है, और फिर बस हाय तोबा, कब इस व्यवस्था में बदलाव आएगा,,??
सोचकर ही अंदर तक आत्मा कांप जाती है, सिर्फ 1 महीना का छोटा सा बच्चा जिसने आंखे भी सही से नही खोली उसे अस्पताल से कुत्ते उठाकर ले जाते है और खा जाते है, और फिर बस हाय तोबा, कब इस व्यवस्था में बदलाव आएगा,,?? - Ladpura News