कलिया खिलकर फूल बने,
ये मनमोहक और सुगंधित बने !
कांटो के बीच गुलाब खिले,
खिलने से डाली बदन ये छिले!
खिलने से कहां रुका वो अभी,
अपने पर आ जाए तो हर बार खिले....!!!! - Samudrapur News
कलिया खिलकर फूल बने,
ये मनमोहक और सुगंधित बने !
कांटो के बीच गुलाब खिले,
खिलने से डाली बदन ये छिले!
खिलने से कहां रुका वो अभी,
अपने पर आ जाए तो हर बार खिले....!!!!