डूटाखार में संचालित बालक आश्रम में पढ़ाई कर रहे छात्रों की बुनियादी सुविधाएं भगवान भरोसे चल रही हैं। वर्षों से खराब और जर्जर पड़े शौचालयों के कारण आश्रम में रहने वाले बच्चों को खुले में शौच के लिए जंगल और नदी घाटी की ओर जाना पड़ता है। यह स्थिति न केवल स्वच्छता के मानकों की खुलेआम अनदेखी है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन चुकी है