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जुल्म इतना बुरा नही जितनी बुरी खामोशी है। बोलना सीखो वरना आने वाली पीढ़िया गूंगी पैदा होंगी। कविता :- मेरी कलम लेखक :- उपासना चंदेलिया उपासना बहादुरगढ - Saraswati Vihar News