झंझारपुर: उमरी एवं लक्ष्मीपुर चौक पर कलश स्थापना के साथ दर्शन के लिए खुला देवी-दुर्गे का पट
साधना, आराधना एवं पूजा अर्चना का महापर्व है शारदीय नवरात्र। मिथिला अपनी अनुपम कला संस्कृति व विशिष्ट पूजन पद्धति के लिए प्रसिद्ध रहा है। इसी के तहत शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गे की पूजन व विधि-विधान की भी बहुतेरे परंपरा है।