सदियों की ठंडी बुझी राख सुगबुगा उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है।
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
107.5k views | Bihar, India | Sep 14, 2022
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सदियों की ठंडी बुझी राख सुगबुगा उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है।
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। - Bihar News