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गोडसे मुर्दाबाद करते हुए बचते-बचाते हैं और खुद को राष्ट्रवादी कहलवाते हैं। ये कैसा राष्ट्रवादी हैं- जो बापूजी के हत्यारे को गोडसे मुर्दाबाद भी नहीं कह पाते हैं? - Delhi News