वाकिफ़ नहीं जो लोग सफ़र के उसूल से
साये की भीक मॉंग रहे हैं बबूल से।
मैं आज तक सफ़र में हूँ इस एतमाद से
उभरेंगी मंज़िलें मेरे क़दमों की धूल से।
-साक़ी अमरोहवी
वाकिफ़ नहीं जो लोग सफ़र के उसूल से
साये की भीक मॉंग रहे हैं बबूल से।
मैं आज तक सफ़र में हूँ इस एतमाद से
उभरेंगी मंज़िलें मेरे क़दमों की धूल से।
-साक़ी अमरोहवी - Amroha News