मन की लिखूं तो शब्द रूठ जाते हैं,#और सच लिखूं तो अपने रूठ जाते हैं,
#जिंदगी को समझाना बहुत मुश्किल हैं #जनाब,
#कोई सपनों की खातिर अपनों से दूर हो जाता है,..... - Chapra News
मन की लिखूं तो शब्द रूठ जाते हैं,#और सच लिखूं तो अपने रूठ जाते हैं,
#जिंदगी को समझाना बहुत मुश्किल हैं #जनाब,
#कोई सपनों की खातिर अपनों से दूर हो जाता है,.....