पथरिया: सज्जन पुरुष सत्य पर चल नहीं सकते, पर सत्य कहने से नहीं चूकते: पट्टाचार्य 108 विशुद्धसागर जी
सज्जन पुरुष सत्य पर न चल सकें, लेकिन सत्य को कहने से नहीं चूकते। सत्य-भाषण सज्जन पुरुष की पहचान है। जो हितकारी वचन हैं, वही सत्य वचन हैं। जो किसी का अहित करें, वे असत्य ही हैं। शस्त्र का घाव तो समय पाकर भर जाता है, परन्तु कटु वचनों का घाव हमेशा हरा रहता है। सत्यप्रिय सज्जनों का सभी सम्मान करते हैं। बोलो तो हित ,मित, प्रिय वचन बोलो। सीमित बोलो, काम का बोलो।