माँ अपने द्वितीय स्वरूप में <nis:link nis:type=tag nis:id=ब्रह्मचारिणी nis:value=ब्रह्मचारिणी nis:enabled=true nis:link/> के रूप में जानी जाती हैं। ब्रह्म का अर्थ है,तपस्या, तप का आचरण करने वाली भगवती, जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। माँ का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है।