सिहोरा: देवरी गीतों से सिहोरा सराबोर, ग्वालों ने छाहुर लेकर किया दिवारी नृत्य, गाए समृद्धि के गीत
दीपावली की रात सिहोरा व आसपास के ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक दिवारी नृत्य और गीतों की गूंज सुनाई दी। अहीर समाज के ग्वाले रंग-बिरंगी ऊन से बनी छाहुर लेकर घर-घर पहुंचे और ढोलक, मंजीरा व मृदंग की थाप पर नाचते-गाते हुए गांव की सुख-समृद्धि और विपत्तियों से रक्षा की कामना की। मान्यता है कि दिवारी गाने वाले ग्वाले गांव की बुरी शक्तियों को दूर भगाते हैं।