Public App Logo
मैं हूँ वह आवाज़, जिसे सदियों से दबाया गया, पर अब मैं ख़ामोश रहने नहीं आया। मैं उन शोषितों की साँसों का उफान हूँ, जो अन्याय की हर दीवार को गिराने को तैयार हैं। - Samudrapur News