🙏 *अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं* *दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।* *सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं* *रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥*
*अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कांतियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग
5 views | Gharaunda, Karnal | Apr 23, 2024