जी चाहता है अपनी खताओं पे खुद ही एक किताब लिख दूं ।
बंदिशें हैं लिखी जहां-जहां सब काट कर इंकलाब लिख दूं ।।
रिवायतों, कवायतो का क्या,निभाई है, आगे भी निभाएंगे ।
फिलहाल गुस्ताख कलम से मुकद्दर में बेबाक़ी बेहिसाब लिख दूं ।।
18.3k views | Basti, Basti | Feb 15, 2025