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ममता का शाश्वत है यह आंसू! जोड़ी के बिछड़ने का गम कभी नहीं भुला जा सकता। क्या कहूँ किस तरह से जीती हूँ, ग़म को खाती हूँ आंसू पीती हूँ। - Bermo News