इचाक: मां के स्नेह और संतान की दीर्घायु से जुड़ा जीवित्पुत्रिका व्रत
मां के स्नेह और संतान की दीर्घायु से जुड़ा जीवित्पुत्रिका व्रत ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार माता-पिता होते हैं, परंतु मां का स्थान जीवन में सबसे विशिष्ट माना गया है। मां न केवल पालन-पोषण करती है, बल्कि बच्चे के व्यक्तित्व को आकार देती है। उसका आंचल बच्चों के लिए सुरक्षा कवच और उसकी दुआएं।