बुंदेले हर बोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।
देशभक्ति और बलिदान की प्रतीक प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अमर प्रखर ज्योति वीरांगना <nis:link nis:type=tag nis:id=लक्ष्मीबाई nis:value=लक्ष्मीबाई nis:enabled=true nis:link/> जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।