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*कौन कहता है आसमान में सुराख हो नहीं सकता एक पत्थर तबीयत से उछालो यारों* कुछ मुट्ठी भर साथियों की मेहनत रंग लाई आंख में आंख डालकरअधिकार छीनने का मजा कुछ और होता है। - Kanpur News