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पहले हुकूमत तुम्हारी थी, कलम तुम्हारी थी, साहित्य तुम्हारे, पहले सब तुम्हारी बपौती था आज हमारे हाथ में ये सारी चीजें क्या गई तो तुम्हारा अक्खर मन बेचैन क्यों है..? - Iglas News