गोड्डा बांका मोड़ पर बुझ गई नन्ही मुस्कान, सड़क बनी एक परिवार के दर्द की गवाह सड़क पर आज सिर्फ़ एक मासूम का शरीर नहीं पड़ा था, बल्कि वहाँ एक पूरे घर का सपना टूटा हुआ था। बाबू को गोद में खिलाने का सपना, बाबू को स्कूल भेजने की आस, बाबू को हँसते देखने की चाह—सब कुछ एक झटके में खत्म हो गया। नन्ही-सी सोनम… सिर्फ़ 9 साल की उम्र… जिसे अभी दुनिया ठीक से देखनी भी नह