फीते से नहीं, महत्ता से नापिए अरावली का वजूद": सुरक्षित भविष्य के लिए राजसमंद में हुंकार। अरावली पर्वतमाला—जो सदियों से मेवाड़ की ढाल बनी हुई है—आज खुद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। अरावली के अंधाधुंध दोहन और वर्तमान मापदंडों को लेकर अब जनता का आक्रोश फूट पड़ा है। इसी कड़ी में अखिल भारत हिंदू क्रांति सेना ने अरावली के 'सुरक्षित भविष्य' को लेकर।