चुन चुन कर प्यारी सी यादें सफ़र की,
एक गुलदस्ता खुशियों का बुनती हूं।
रफ्तार से समय संग अपनी राहों पर,
मुस्कान यात्रियों की संजोकर चलती हूँ।
करती हुई वंदन अपनी मां भारती को,
अपनी पहचान वंदे भारत बतलाती हूँ।
चुन चुन कर प्यारी सी यादें सफ़र की,
एक गुलदस्ता खुशियों का बुनती हूं।
रफ्तार से समय संग अपनी राहों पर,
मुस्कान यात्रियों की संजोकर चलती हूँ।
करती हुई वंदन अपनी मां भारती को,
अपनी पहचान वंदे भारत बतलाती हूँ। - Rajasthan News