सोंडवा: श्रेष्ठ वही बनता है जिसके कर्मों में श्रेष्ठता हो,नारायण भाई ने ब्रह्माकुमार सभागृह अलीराजपुरमेनगरवासियों कोसंबोधितकिया
अलीराजपुर इस कर्म भूमि की दुनिया में कर्म तो सभी को करना ही पड़ता है। भगवान तो सिर्फ लकीरें देता है। रंग हमें ही भरना पड़ता है। श्रेष्ठ वही बनता है, जिसके कर्मों में श्रेष्ठता हो। जिसमें दृढ़ता हो, जिद नहीं। बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं। दया हो, कमजोरी नहीं। ज्ञान हो परंतु अहंकार नहीं। और फिर अगर लोग आपकी अच्छाई को आपकी कमजोरी समझने लगते हैं, तो यह उनकी समस्या है।